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प्रबिसि नगर कीजे सब काजा, हृदयँ राखि कोसलपुर राजा, गरल सुधा रिपु करहिं मिताई, गोपद सिंधु अनल सितलाई….

प्रबिसि नगर कीजे सब काजा, हृदयँ राखि कोसलपुर राजा, गरल सुधा रिपु करहिं मिताई, गोपद सिंधु अनल सितलाई....

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Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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