lalittripathi@rediffmail.com
Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-16

100Views

जय श्री राधे कृष्ण …….

नाना तरु फल फूल सुहाए, खग मृग बृंद देखि मन भाए, सैल बिसाल देखि एक आगें, ता पर धाइ चढ़ेउ भय त्यागें……!!

भावार्थ:- अनेकों प्रकार के वृक्ष फल – फूल से शोभित हैं। पक्षी और पशुओं के समूह को देखकर तो वे मन में (बहुत ही) प्रसन्न हुए। सामने एक विशाल पर्वत देखकर हनुमान जी भय त्याग कर उस पर दौड़ कर जा चढ़े…… !!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

Leave a Reply