lalittripathi@rediffmail.com
Quotes

सुविचार- सुन्दरकाण्ड-1

106Views

जय श्री राधे कृष्ण ……..

जामवंत के बचन सुहाए, सुनि हनुमंत हृदय अति भाए, तब लगि मोहि परिखेहु तुम्ह भाई, सहि दुख कंद मूल फल खाई ||

भावार्थ:- जामवंत के सुंदर वचन सुनकर हनुमानजी के ह्रदय को बहुत भाए | (वे बोले) हे भाई ! तुम लोग दुख सहकर कंद-मूल-फल खाकर तब तक मेरी राह देखना … .!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

Leave a Reply