lalittripathi@rediffmail.com
Stories

आस्था की कमी

#आस्था की कमी #प्रोफेसर #भगवान #विद्यार्थी #रोशनी #प्यार #विश्वास #ईश्वर #जय श्री राम

255Views

आस्था की कमी

           एक दिन कॉलेज में प्रोफेसर ने विद्यर्थियों से पूछा, कि इस संसार में जो कुछ भी है उसे भगवान ने ही बनाया है न ? सभी ने कहा, हां भगवान ने ही बनाया है….प्रोफेसर ने कहा, कि इसका अर्थ ये हुआ कि बुराई भी भगवान की बनाई हुई वस्तु ही है…..प्रोफेसर ने इतना कहा तो एक विद्यार्थी उठ खड़ा हुआ और उसने कहा, कि इतनी शीध्रता से इस निष्कर्ष पर मत पहुंचिये सर…..प्रोफेसर ने कहा, क्यों? अभी तो सबने कहा है कि सबकुछ भगवान का ही बनाया हुआ है फिर तुम ऐसा क्यों कह रहे हो ?

     विद्यार्थी ने कहा कि सर, मैं आपसे छोटे-छोटे दो प्रश्न पूछूंगा. उसके पश्चात् आपकी बात भी मान लूंगा. प्रोफेसर ने कहा, पूछिये…..विद्यार्थी ने पूछा, सर क्या संसार में ठंड का कोई अस्तित्व है ? प्रोफेसर ने कहा, बिल्कुल है. हम ठंड को महसूस करते हैं….विद्यार्थी ने कहा, नहीं सर, ठंड कुछ है ही नहीं. ये वास्तव में गर्मी की अनुपस्थिति का आभास भर है. जहां गर्मी नहीं होती, वहां हम ठंड का आभास करते हैं. प्रोफेसर चुप रहे….विद्यार्थी ने फिर पूछा, सर क्या अंधकार का कोई अस्तित्व है ? प्रोफेसर ने कहा, बिल्कुल है. रात को अंधकार होता है.

      विद्यार्थी ने कहा, नहीं सर, अंधेरा कुछ होता ही नहीं. ये तो जहां रोशनी नहीं होती वहां अंधेरा होता है. प्रोफेसर ने कहा, तुम अपनी बात आगे बढ़ाओ….विद्यार्थी ने फिर कहा, सर आप हमें केवल लाइट एंड हीट (प्रकाश और ताप) ही पढ़ाते हैं. आप हमें कभी डार्क एंड कोल्ड (अंधेरा और ठंड) नहीं पढ़ाते. फिजिक्स में ऐसा कोई विषय है ही नहीं. सर, ठीक इसी तरह परमात्मा ने केवल अच्छा-अच्छा बनाया है. अब जहां अच्छा नहीं होता, वहां हमें बुराई दिखाई पड़ती है. पर बुराई को ईश्वर ने नहीं बनाया. ये केवल अच्छाई की अनुपस्थिति भर है.

वास्तव में सृष्टि में कहीं बुराई है ही नहीं. ये तो केवल प्यार, विश्वास और ईश्वर में हमारी आस्था की कमी का नाम है. इसलिए जब और जहां अवसर मिले अच्छाई बांटिए..!!

जय श्री राम

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

Leave a Reply