lalittripathi@rediffmail.com
Stories

मुस्कुराहट व सुंदरता

141Views

सब लोग सुंदर दिखना चाहते हैं। इसके लिए वे अनेक उपाय भी करते हैं। “साफ़ सुथरे धुले हुए सुंदर सुंदर कपड़े पहनते हैं। अपने चप्पल जूतों को चमकाते हैं। सोने चांदी हीरे मोती आदि के सुंदर आभूषण धारण करते हैं इत्यादि।” ठीक है, ऐसी सुंदरता को धारण करना भी कोई बुरी बात नहीं है। “परंतु यदि वस्त्र आभूषण सुंदर होने पर भी आपके चेहरे पर मुस्कुराहट न हो, तो वस्त्र आभूषण से प्राप्त की गई सुंदरता भी फीकी पड़ जाएगी।”

         यदि आपके पास मूल्यवान आभूषण न हों, वस्त्र भी बहुत कीमती न हों, परंतु चेहरे पर निश्छल मुस्कुराहट हो, तो यह सबसे उत्तम आभूषण है। सोने चांदी के आभूषणों वाली सुंदरता से भी अधिक मूल्यवान है। चेहरे पर मुस्कुराहट आपको सबसे अधिक सुंदर बनाती है।”

          “यदि आपके पास सुंदर वस्त्र आभूषण हों, आप उन्हें धारण करें, और साथ ही चेहरे पर निश्छल मुस्कुराहट को भी धारण करें, तब तो बात ही क्या है! तब आप सबसे अधिक सुंदर दिखाई देंगे।”

        “यदि आपके पास कीमती वस्त्र आभूषण न भी हों, और चेहरे पर केवल निश्छल मुस्कुराहट हो, तब भी आप आभूषणों वाली सुंदरता की तुलना में अधिक सुंदर दिखाई देंगे।”

          एक बात और — “मुस्कुराहट तो मुफ्त में मिलती है। इसे खरीदने के लिए कोई धन आदि खर्च करने की भी आवश्यकता नहीं है। अतः यह निर्धन व्यक्तियों को भी सुलभ है।” बस, इसे धारण कीजिए और अपनी इच्छा पूरी कीजिए, कि “आप सबसे अधिक सुंदर दिखाई दें।”☺️

जय श्रीराम

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

Leave a Reply