रात्रि की कहानी
न्यूट्रल
श्रीकृष्ण ने कहा है कि, धर्म-अधर्म के बीच में यदि हम न्यूट्रल रहते हैं, अथवा NO POLITICS का ज्ञान देते हैं, तो हम अधर्म का साथ देते हैं
भीम ने गदा युद्ध के नियम तोड़ते हुए दुर्योधन को कमर के नीचे मारा, ये देख बलराम बीच में आए और भीम की हत्या करने की ठान ली।
तब श्रीकृष्ण ने अपने भाई बलराम से कहा.
आपको कोई अधिकार नहीं है इस युद्ध में बोलने का क्योंकि आप न्यूट्रल रहना चाहते थे ताकि आपको न कौरवों का, न पांडवों का साथ देना पड़े। इसलिए आप चुपचाप तीर्थ यात्रा का बहाना करके निकल लिए।
(१) भीम को दुर्योधन ने विष दिया तब आप न्यूट्रल रहे,
(२) पांडवो को लाक्षागृह में जलाने का प्रयास किया गया, तब आप न्यूट्रल रहे,
(३) द्यूत क्रीड़ा में छल किया गया तब आप न्यूट्रल रहे,
(४) द्रौपदी का वस्त्रहरण किया आप न्यूट्रल रहे,
(५) अभिमन्यु की सारे युद्ध नियम तोड़ कर हत्या की गयी, तब भी आप न्यूट्रल रहे!
आपने न्यूट्रल रह कर, मौन रह कर, दुर्योधन के हर अधर्म का साथ ही दिया! अब आपको कोई अधिकार नहीं है कि आप कुछ बोलें।
क्योंकि धर्म-अधर्म के युद्ध में अगर हम न्यूट्रल रहते हैं तो आप भी अधर्म का साथ दे रहे हैं…
शिक्षा:-मैं न्यूट्रल रह कर अधर्म का साथ देता हूँ तो मुझे भी अधिकार नहीं है शिकायत करने का कि देश में ऐसा वैसा बुरा क्यों हो रहा है, अगर मैं उस बुरे का विरोध नहीं करता।
जय श्रीराम
जय श्रीराम