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भगवान हमारे दिल में रहते है

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भगवान हमारे दिल में रहते है

एक दिन एक दंपत्ति अपने 10 साल के बच्चे को लेकर डॉक्टर के पास आए । उन्होंने फ़ाइल डॉक्टर साहब की टेबल पर रखी। डॉक्टर ने फ़ाइल देखी और बच्चे की जाँच की। फिर डॉक्टर ने बच्चे से कहा, “बेटा, तुम थोड़ा बाहर बैठो, मैं तुम्हारे मम्मी-पापा से बात करता हूँ।”

माता-पिता बोले, “साहब, उसे सब पता है, इसलिए आप चर्चा उसी के सामने कर सकते हैं।”
डॉक्टर बोले, “मैंने पहली बार ऐसा परिवार देखा है जिनके चेहरे पर डर का नाम नहीं है।”

उन्होंने कहा, “साहब, शुरू में हम भी बहुत परेशान थे, लेकिन धीरे-धीरे भगवान पर भरोसे और भगवान के विश्वास से हम तीनों का मनोबल मजबूत होता गया।”

डॉक्टर ने कहा, “देखिए, बच्चे के दिल की सर्जरी करनी पड़ेगी। मामला गंभीर है। 50-50 संभावना है। अगर सफल हुआ तो ज़िंदगी भर दिल की तकलीफ़ नहीं होगी, और अगर सफल न हुआ… तो आप समझ ही सकते हैं…”

माता-पिता बोले, “तो हमें क्या करना चाहिए?”
डॉक्टर ने कहा, “मेरे अनुसार मरते-मरते जीने से बेहतर है कि एक बार जोखिम उठा लिया जाए।”
वे डॉक्टर से सहमत हो गए।

जब उन्होंने डॉक्टर से इलाज का खर्चा पूछा, तो डॉक्टर बोले, “आम तौर पर मैं एडवांस लेता हूँ, लेकिन आपके केस में ऑपरेशन के बाद बात करेंगे।” और उन्होंने तारीख दे दी।

ऑपरेशन के दिन बच्चा और माता-पिता समय पर पहुँचे। किसी के चेहरे पर डर का नमो निशान नहीं था। वे बहुत शांत थे। यह केस डॉक्टर के जीवन का एक उदाहरण बन गया।

ऑपरेशन थिएटर में बच्चे को टेबल पर लिटाया गया। एनेस्थीसिया(बेहोशी की दवा) देने से पहले डॉक्टर ने उसके सिर पर हाथ फेरते हुए प्यार से पूछा,
“बेटा, तुम्हारा नाम क्या है?”

बच्चे ने मुस्कुराकर कहा, “आनन्द ।”

डॉक्टर ने मज़ाक में कहा, “बेटा, तुम्हारे नाम की तरह ही तुम हमेशा आनन्द में रहो। ऑपरेशन शुरू करने से पहले तुमने कुछ पूछना है?”

बच्चा बोला, “साहब, ये दिल क्या होता है?”
डॉक्टर बोले, “बेटा, दिल यानी हृदय, जिसकी आज हम सर्जरी करेंगे।”

बच्चा बोला, “साहब, मम्मी-पापा हमेशा कहते हैं कि हर इंसान के दिल में भगवान रहते हैं। तो जब आप मेरा दिल खोलें, तो ज़रा देखना कि मेरे अंदर बैठे भगवान कैसे हैं, फिर मुझे बताना कि वे कैसे दिखते हैं।”

डॉक्टर की आँखें भर आईं।
डॉक्टर ने अपने स्टाफ को पूरा केस पहले ही समझा दिया था, इसलिए सबकी आँखें नम हो गईं।

डॉक्टर बोले, “हज़ारों ऑपरेशन मैंने किए हैं, लेकिन पता नहीं क्यों, इस बच्चे का ऑपरेशन करते हुए मेरा मन और हाथ काँप रहे हैं।”

उन्होंने आँखें बंद कीं और भगवान से प्रार्थना की—
“अब तक मैंने हर ऑपरेशन को पेशे की तरह किया है,
पर यह ऑपरेशन श्रद्धा और विश्वास पर आधारित है।
मैं तो बस दिल की सर्जरी करता हूँ,
पर असल में तू ही उसका सर्जन है।
मेरे इस प्रयास को सफल बनाना ।”

कहकर उन्होंने ऑपरेशन शुरू कर किया।
ऑपरेशन आगे बढ़ रहा था, सफलता की पूरी संभावना थी,
लेकिन अचानक बच्चे का ब्लड प्रेशर गिरने लगा और शरीर ठंडा पड़ने लगा, और अंत में… सब शांत हो गया।

डॉक्टर की आँखों में आँसू आ गए —
“हे भगवान! तू जीत गया, मैं हार गया…”
कहकर उन्होंने थिएटर की सारी लाइटें ऑन कीं और हाथ धोने लगे।

तभी अचानक उन्हें बच्चे के शब्द याद आए —
“जब मेरा दिल खोलो तो देखना, भगवान कैसे हैं…”

डॉक्टर साहब तुरन्त बच्चे के दिल की ओर देखा, हताश होकर ज़ोर से बोले-
“क्या तुम्हें भगवान दिख रहे हैं बच्चे?”

इतना कहते ही एक अद्भुत चेतना बच्चे के दिल में लौट आई,
दिल फिर से धड़कने लगा!
पूरा स्टाफ खुशी से चिल्ला उठा।

ऑपरेशन पूरा सफल हुआ और बच्चा बच गया।

डॉक्टर ने फीस नहीं ली और कहा —
“हज़ारों ऑपरेशन किए,
पर कभी यह नहीं सोचा कि भगवान कहाँ हैं?
इस बच्चे ने आज मुझे दिखा दिया कि भगवान हमारे दिल में रहते हैं।”

जब हम अपनी बुद्धि के दरवाज़े बंद करते हैं, तब भगवान अपने दरवाज़े खोलता है।

जय श्री राम

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

1 Comment

  • भगवान पर सच्चा विश्वास बहुत बड़ी चीज है, इससे आदमी बड़ी से बड़ी मुश्किल आसानी से पार कर लेता है।

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