lalittripathi@rediffmail.com
Stories

भाई

176Views

भाई

पुश्तैनी जमीन के बंटवारे के विवाद में बात इतनी बढ़ गई कि दोनों भाइयों में बातचीत बंद हो गई। बड़े भाई रामराज जी को बेटे का विवाह करना था, उन्होंने छोटे भाई रामप्रताप को न्योता दिया लेकिन छोटे भाई ने भतीजे के विवाह से पूरी दूरी बनाए रखी।

कई वर्ष बीत गए और इस बार छोटे भाई की बेटी की शादी थी। रामप्रताप मान कर चल रहे थे कि जब वो भतीजे के विवाह में शरीक नहीं हुए तो भैया भी उनके न्योते को अस्वीकार कर देंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, ज्यों ही छोटा भाई बड़े को न्योता देने आया, बड़े भाई ने खुशी जताई और निश्चित रूप से विवाहोत्सव में शामिल होने की बात कही।

रामप्रताप अपने भैया के व्यवहार से भौंचक रह गए। रामराज जी ने छोटे भाई की मनोदशा को भांपते हुए कहा, ‘छोटे। ग़लतियां करना तुम्हारा अधिकार है और तुम्हारी ग़लतियों को माफ करने के लिए ही तो भगवान ने मुझे बड़ा बनाया है।’

इतने में भाभी ने चाय का प्याला लाकर दोनों भाइयों के हाथों में दे दिया। दोनों भाइयों के बीच देर तक वार्तालाप चलता रहा, जैसे कभी कुछ हुआ ही न हो।

जय श्रीराम

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

1 Comment

Leave a Reply