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के एफ सी

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के एफ सी

लड़के का जन्म हुआ जिसका नाम रखा गया हारर्लैंड (Harland) उसके माता-पिता उससे बहुत प्यार करते थे और उन्हें अपने बच्चे से बहुत उम्मीदें थी लेकिन शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था जब उसकी एक उम्र 5 वर्ष की हुई तब उसके पिता की मृत्यु हो गई ..

17 साल की उम्र होने तक रुपए की तंगी के चलते उसे अपनी पढ़ाई भी छोडनी पड़ी ,  नौकरी नौकरी मिली लेकिन एक के बाद एक उसे 4 नौकरियों से भी हाथ धोना पड़ा … 19 साल की उम्र में वह पिता बन गया लेकिन जिंदगी से शायद उसकी वह खुशी भी देखी ना गई और उसने उसके बेटे को भी छीन लिया उसके बेटे की म्रत्यु (Death) के बाद वह काफी टूट सा गया पर समय की मार तो देखो अभी किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था 1 साल बाद उसकी पत्नी और दो बेटियां भी उसे छोड़ कर चली गई..

22 साल की उम्र में उसे अपनी कंस्ट्रक्शन की नौकरी भी खोनी पड़ी … आर्मी में गया तो वहां से सस्पेंड हो गया .. वकील बनने का प्रयास किया तो वह भी नहीं बन पाया इसके बाद भी उसने हार नहीं मानी।

34 साल की उम्र में उसने एक नया व्यापार शुरू किया लेकिन वह भी फेल हो गया ..

40 साल की उम्र में उसने एक पेट्रोल पंप पर चिकन बेचने का काम शुरू किया इस बार उसका काम अच्छा चला 10 साल के बाद उसने अपना खुद का एक रेस्टोरेंट डाल दिया लेकिन उसमें भी आग लग गई और सब बर्बाद हो गया उसने फिर से मेहनत की और अपने रेस्टोरेंट को दोबारा से खड़ा किया पर वह अपने रेस्टोरेंट से के बिजनेस से संतुष्ट नहीं था इसलिए उसने अपनी 62 साल की उम्र में एक कंपनी डाली जिसका नाम रखा कैंटिकी फ़्राईड चिकेन (Kentucky Fried Chicken)
मतलब की शार्ट में केएफसी #KFC आज KFC 9 बिलियन डॉलर की कंपनी है जो की पूरी दुनिया में फैली है इसकी फ्रेंचाइजी लगभग हर बड़े शहेरो में है और शायद आपने भी नाम सुन रखा हो और शायद वहां पर खाना भी खाया हो यह सच्ची कहानी हारर्लैंड डेविड सेंदर्स की थी जिन्होंने #KFC कंपनी को बनाया था . यह एक ऐसा इन्सान था जिसने अपनी किस्मत को भी मात दे दी !

“लाख मुश्किलें आए बार बार असफलता सामने आए लेकिन जिंदगी का मुकाम वही होता है जो आप तय करते हैं इसलिए जुट जाइए जी जान से अपने लक्ष्य का पीछा कीजिए सफलता आप के कदम चूमेगी”

शांत समुंदर में तो हर कोई जहाज चला सकता हैं, असली जिगर तो तब दिखता हैं जब आप हज़ार मुश्किलों के बावजूद जीत हासिल करते हैं

इस धरती का सबसे बड़ा हथियार, इंसान के अंदर की आग हैं। इसके लगने के बाद हर चीज़ को करने की ताकत आ जाती हैं।

“Failure only happens when you lose your willpower to continue trying… If we let the obstacles get the best of us then it was our choice to fail, not fate.”

Ships are safer in harbours, Are they ment for that?

अर्थात् “असफलता तभी होती है जब आप कोशिश जारी रखने की अपनी इच्छाशक्ति खो देते हैं… अगर हम बाधाओं को हावी होने देते हैं, तो असफल होना हमारी पसंद है, न कि भाग्य।”

जहाज बंदरगाहों में ज़्यादा सुरक्षित होते हैं, क्या वे इसके लिए बने हैं?

जय श्रीराम

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

1 Comment

  • कर्म प्रधान विश्व रची राखा , जो जस करिए सो तस फल चाखा

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