जो होगा, वही बाँटेगा
जीवन का एक साधारण सा नियम है, कि जिसके पास जो होता है, वो वही दूसरों को भी बाँटता है। जिसके पास सुख होता है, वो दूसरों को सुख बाँटता है और जिसके पास दुःख होता है, वो दूसरों को भी दुःख बाँटता है। जिसके पास ज्ञान होता है, वो ज्ञान बाँटता है, जिसके पास हास्य होता है, वो हास्य बाँटता है और जिसके पास क्रोध होता है, वो क्रोध बाँटता है।
दुःखी व्यक्ति से सुख एवं प्रसन्नता की और क्रोधी व्यक्ति से उदारता एवं प्रेम की चाह रखना मरुस्थल में शीतल झरने एवं सुंदर उपवन की चाह रखने जैसा ही है। चाह रखना गलत भी नहीं लेकिन चाह किससे रखनी चाहिए ये जान लेना भी आवश्यक है। सबसे एक जैसी चाह रखना ही व्यर्थ है क्योंकि जिसका जीवन आशीर्वादों से भरा हो वही आपकी झोली को भी आशीर्वाद से भर सकता है।
जय श्रीराम