lalittripathi@rediffmail.com
Stories

पत्नी पति की ताकत होती है

340Views

पत्नी पति की ताकत होती है

भावना पति से लड़कर मायके चली आई थी। उसके पति नरेश को बिजनेस में घाटा हुआ था। इस कारण वह चिड़चिड़ा हो गया था। झगड़े इतने बढ़ गए थे कि दोनों का छत के नीचे रहना ही मुश्किल हो गया था। इसलिए वह मायके चली आई।

चार महीने हो गए थे….ना पति ने फोन किया ना भावना ने फोन करने की कोशिश की। अचानक एक कॉल आया उसमें बताया गया कि उसका पति गंभीर रूप से बीमार है और हॉस्पिटल में भर्ती है। इतना सुनते ही वह घबरा गई।

बौखलाई हुई हॉस्पिटल पहुंची तो देखा नरेश सूखकर कांटा हो गया था। बेड पर पड़ा सुनी आंखों से छत को निहार रहा था। वह उसके सीने से लगकर रो पड़ी बोली ” ये क्या हाल बना रखा है? तुम तो कहते थे ना तुम्हारी परेशानी है तुम खुद लड़ लोगे? वह सुखी आंखों में आए आंसुओं को दबाता हुआ बोला “मेरी ताकत तो तुम थी। जब तुम चली गई तो कैसे लड़ता? हार गया!”

भावना को अपनी गलती का अहसास हुआ। वह बोली ” अब आ गई हूं ना। दोनों मिलकर लड़ेंगे।” पत्नी के आने से वह कुछ दिन में ही ठीक हो गया। फिर दोनों ने मिलकर संघर्ष किया और जीत गए। मोरलःपत्नी अर्धांगिनी होती ती है जब वह पति के साथ रहती है

कहानी अच्छी लगे तो Like और Comment जरुर करें। यदि पोस्ट पसन्द आये तो Follow & Share अवश्य करें ।

जय श्रीराम

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

1 Comment

Leave a Reply