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नया नज़रिया

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नया नज़रिया

झारखंड के एक छोटे से कस्बे में एक बालक के मन में नई-नई बातों को जानने की जिज्ञासा थी। उस बालक के मोहल्ले में एक गुरुजी रहते थे।

एक दिन बालक उनके पास गया और बोला, मैं कामयाब बनना चाहता हूं, कृपया बताएं कि कामयाबी का रास्ता क्या है?’….

हंसते हुए गुरुजी बोले, ‘बेटा, मैं तुम्हें कामयाबी का रास्ता बताऊंगा, पहले तुम मेरी गाय को सामने वाले खूंटे से बांध दो, कह कर उन्होंने गाय की रस्सी बालक को दे दी। वह गाय किसी के काबू में नहीं आती थी।

अतः जैसे ही बालक ने रस्सी थामी कि वह छलांग लगा, हाथ से छूट गई।

फिर काफी मशक्कत के बाद बालक ने चतुराई से काम लेते हुए तेजी से भाग कर गाय को पैरों से पकड़ लिया। पैर पकड़े जाने पर गाय एक कदम भी नहीं भाग पाई और बालक उसे खूंटे से बांधने में कामयाब हुआ

यह देख गुरुजी बोले, ‘शाबाश, बेटे यही है कामयाबी का रास्ता।जड़ पकड़ने से पूरा पेड़ काबू में आ जाता है। अगर हम किसी समस्या की जड़ पकड़ लें, तो उसका हल आसानी से निकाल सकते हैं।

बालक ने इसी सूत्र को आत्मसात कर लिया और जीवन में आगे बढ़ता गया।
शिक्षा:हमें किसी भी समस्या का हल तब तक नहीं मिलता जब तक हम उसकी जड़ को नहीं पकड़ लेते। अत: हर समस्या का समाधान उसकी जड़ काबू में आने पर ही होता है।

जय श्रीराम

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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