सुविचार-सुन्दरकाण्ड-93
जय श्री राधे कृष्ण ……. "अजर अमर गुणनिधि सुत होहू, करहुँ बहुत रघुनायक छोहू, करहुँ कृपा प्रभु अस सुनि काना, निर्भर प्रेम मगन हनुमाना….!! भावार्थ:- हे पुत्र! तुम अजर (बुढ़ापे से रहित ), अमर और गुणों के खजाने होओ। श्री...
जय श्री राधे कृष्ण ……. "अजर अमर गुणनिधि सुत होहू, करहुँ बहुत रघुनायक छोहू, करहुँ कृपा प्रभु अस सुनि काना, निर्भर प्रेम मगन हनुमाना….!! भावार्थ:- हे पुत्र! तुम अजर (बुढ़ापे से रहित ), अमर और गुणों के खजाने होओ। श्री...
रावण विद्वान था जबकि हनुमान जी, विद्यावान थे "विद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर॥" एक होता है विद्वान और एक विद्यावान । दोनों में आपस में बहुत अन्तर है। इसे हम ऐसे समझ सकते हैं, रावण विद्वान...
जय श्री राधे कृष्ण ……. "मन सन्तोष सुनत कपि बानी, भगति प्रताप तेज बल सानी, आसिष दीन्हि रामप्रिय जाना, होहु तात बल सील निधाना…..!! भावार्थ:- भक्ति, प्रताप, तेज और बल से सनी हुई हनुमान जी की वाणी सुन कर सीता...
निर्धन का सम्मान एक निर्धन व्यक्ति था। वह नित्य भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा करता। एक बार दीपावली के दिन भगवती लक्ष्मी की श्रद्धा-भक्ति से पूजा-अर्चना की। कहते हैं उसकी आराधना से लक्ष्मी प्रसन्न हुईं। वह उसके सामने प्रकट...
जय श्री राधे कृष्ण ……. "सीता मन भरोस तब भयऊ, पुनि लघु रुप पवनसुत लयऊ…..!! भावार्थ:- तब (उसे देखकर) सीता जी के मन में विश्वास हुआ। हनुमान जी ने फिर छोटा रुप धारण कर लिया….!! सुनु माता साखामृग नहिं बल...
एक चुटकी ईमानदारीरामू काका अपनी ईमानदारी और नेक स्वाभाव के लिए पूरे गाँव में प्रसिद्द थे। एक बार उन्होंने अपने कुछ मित्रों को खाने पर आमंत्रित किया। वे अक्सर इस तरह इकठ्ठा हुआ करते और साथ मिलकर अपनी पसंद का...
जय श्री राधे कृष्ण ……. "मोरें हृदय परम संदेहा, सुनि कपि प्रगट कीन्हि निज देहा, कनक भूधराकार सरीरा, समर भयंकर अतिबल बीरा….!! भावार्थ:- अतः मेरे हृदय में बड़ा भारी संदेह होता है (कि तुम जैसे बंदर राक्षसों को कैसे जीतेंगे)।...
श्री कृष्ण-अर्जुन संवाद:-अर्जुन ने पूछा- हे गोविंद! जैसे अग्नि को हाथ लगाने से तुरंत मनुष्य का हाथ जल जाता है, ठीक वैसे ही बुरा कर्म करने पर मनुष्य को उस कर्म का फल उसी समय क्यों नहीं मिल जाता है?….श्री...
जय श्री राधे कृष्ण ……. "निसिचर मारि तोहि लै जैहहिं, तिहुँ पुर नारदादि जसु गैहहिं, हैं सुत कपि सब तुम्हहि समाना, जातुधान अति भट बलवाना….."! भावार्थ:- और राक्षसों को मार कर आप को ले जाएंगे । नारद आदि (ऋषि -...
कोयले का टुकड़ा अमित एक मध्यम वर्गीय परिवार का लड़का था। वह बचपन से ही बड़ा आज्ञाकारी और मेहनती छात्र था। लेकिन जब से उसने कॉलेज में दाखिला लिया था ,उसका व्यवहार बदलने लगा था। अब न तो वो पहले...