खोटे सिक्के
खोटे सिक्के सत्य घटना...एक परिचित हैं उन्होंने अपनी बेटी के लिए वर और घर खोजा....ग्रामीण परिवार है तो जमीन जायजाद आदि ठीक ठाक और लड़का भी जमा सो ब्याह पक्का कर दिया...रोके के लिए कुछ करीबी व्यवहारी रिश्तेदार साथ ले...
खोटे सिक्के सत्य घटना...एक परिचित हैं उन्होंने अपनी बेटी के लिए वर और घर खोजा....ग्रामीण परिवार है तो जमीन जायजाद आदि ठीक ठाक और लड़का भी जमा सो ब्याह पक्का कर दिया...रोके के लिए कुछ करीबी व्यवहारी रिश्तेदार साथ ले...
जय श्री राधे कृष्ण ……. "खर दूषन त्रिसिरा अरु बाली, बधे सकल अतुलित बलसाली!! भावार्थ:- जिन्होंने खर, दूषण, त्रिशिरा और बालि को मार डाला, जो सब के सब अतुलनीय बलवान थे ।। जाके बल लवलेस तें जितेहु चराचर झारि, तासु...
दुःख ईश्वर का प्रसाद है.. जब भगवान सृष्टि की रचना कर रहे तो उन्होंने जीव को कहा कि तुम्हे मृतलोक जाना पड़ेगा,मैं सृष्टि की रचना करने जा रहा हूँ…..ये सुन जीव की आँखों मे आंसू आ गए.वो बोला प्रभु कुछ...
जय श्री राधे कृष्ण ……. "धरइ जो बिबिध देह सुरत्राता, तुम्ह से सठन्ह सिखावनु दाता, हर कोदंड कठिन जेहिं भंजा, तेहि समेत नृप दल मद गंजा ।। भावार्थ:- जो देवताओं की रक्षा के लिए नाना प्रकार की देह धारण करते...
हमेशा अपने मूड को पॉजिटिव और खुश रखें क्या आपने कभी भी अपने मूड को खुशी से उदासी में और शांति से बैचेनी में बदलते हुए अनुभव किया है? अगर कभी-कभी होने वाले मूड स्विंग पर ध्यान न दिया जाए,...
जय श्री राधे कृष्ण ……. "जाकें बल बिरंचि हरि ईसा, पालत सृजत हरत दससीसा, जा बल सीस धरत सहसानन, अंडकोस समेत गिरि कानन ।। भावार्थ:- जिन के बल से हे दसशीश !, ब्रह्मा, विष्णु, महेश (क्रमशः) सृष्टि का सृजन, पालन...
महादेव के पिनाक धनुष की कथा भगवान श्री राम ने सीता जी के स्वयंवर में गुरु विश्वामित्र जी की आज्ञा से शिवजी का कठोर धनुष तोड़ कर सीता जी से विवाह किया था। लेकिन शिवजी का वह धनुष किसने और...
जय श्री राधे कृष्ण ……. "मारे निशिचर केहिं अपराधा, कहु सठ तोहि न प्रान कइ बाधा, सुनु रावन ब्रह्मांड निकाया, पाइ जासु बल बिरचति माया…..।। भावार्थ:- तूने किस अपराध से राक्षसों को मारा ? रे मूर्ख! बता, क्या तुझे प्राण...
संस्कारो पर नाज बेटा अब खुद कमाने वाला हो गया था ...इसलिए बात-बात पर अपनी माँ से झगड़ पड़ता था ये वही माँ थी जो बेटे के लिए पति से भी लड़ जाती थी। मगर अब फाइनेसिअली इंडिपेंडेंट बेटा पिता...
जय श्री राधे कृष्ण ……. "कह लंकेश कवन तैं कीसा, केहि के बल घालेहिं बन खीसा, की धौं श्रवन सुनेहि नहिं मोही, देखउं अति असंक सठ तोही ।। भावार्थ:- लंकापति रावण ने कहा - रे वानर! तू कौन है ?...