योगक्षेमम् वहाम्यहम्
अभी अगर मंत्री या कोई बड़ा व्यक्ति आपसे हाथ मिला ले और ऐसा कह दे की चिंता मत करना मैं हूं तुम्हारे साथ जब भी तुम्हें जरूरत पड़े। वह बस इतना कह दे और कभी फोन ना उठाए और ना कभी उसके बाद मिले फिर भी आपकी छाती चौड़ी हो जाएगी आप में एक साहस आ जाएगा।
और भगवान गीता में कह रहे हैं योगक्षेमम् वहाम्यहम्। तुम बस अनन्यस्चिन्तयन्तो माम्
अर्थात तू मेरा चिंतन कर सच्चे हृदय से तेरा पूरा ठेका मै लेता हूं। पर हमें विश्वास नहीं होता हमें भगवान की बातों पर विश्वास नहीं होता। तुमसे सच्ची कह रहे हैं एक-एक क्षण तुम्हें भगवान देख रहे हैं निश्चित देख रहे हैं तुम्हें और तुम्हारी एक-एक बात सुन रहे हैं परंतु जब तक तुम सही आचरण नहीं करोगे सदाचार से नहीं चलोगे तब तक तुम यह जान नहीं पाओगे कि भगवान तुम्हें देख रहे हैं और भगवान तुम्हारी सुन रहे हैं।
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जय श्रीराम