जय श्री राधे कृष्ण …..
“तव प्रेरित मायाँ उपजाए, सृष्टि हेतु सब ग्रंथनि गाए, प्रभु आयसु जेहि कहँ जस अहई, सो तेहि भांति रहें सुख लहई ।।
भावार्थ:– आप की प्रेरणा से माया ने इन्हें सृष्टि के लिए उत्पन्न किया है । सब ग्रंथों ने यही गाया है । जिस के लिए स्वामी की जैसी आज्ञा है, वह उसी प्रकार से रहने में सुख पाता है….!!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..