जय श्री राधे कृष्ण …..
“ममता रत सन ग्यान कहानी, अति लोभी सन बिरति बखानी, क्रोधिहि सम कामिहि हरिकथा, ऊसर बीज बएँ फल जथा ।।
भावार्थ:– ममता में फँसे हुए मनुष्य से ज्ञान की कथा, अत्यंत लोभी से वैराग्य का वर्णन, क्रोधी से शम (शांति) की बात और कामी से भगवान की कथा, इन का वैसा ही फल होता है, जैसा ऊसर में बीज बोने से होता है। (अर्थात ऊसर में बीज बोने की भाँति यह सब व्यर्थ जाता है …!!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..