जय श्री राधे कृष्ण …..
“सहज सूर कपि भालु सब पुनि सिर पर प्रभु राम, रावन काल कोटि कहुँ जीति सकहिं संग्राम ।।
भावार्थ :– सब वानर – भालू सहज ही शूरवीर हैं, फिर उनके सिर पर प्रभु (सर्वेश्वर) श्री राम जी हैं। हे रावण! वे संग्राम में करोड़ों कालों को जीत सकते हैं……!
दीन दयाल बिरिदु संभारी ।
हरहु नाथ मम संकट भारी ।।
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..