“हार्टअटैक और विठ्ठल”
"हार्टअटैक और विठ्ठल" पूरे महाराष्ट्र में "श्रीविठ्ठल" की पूजा होती है। विठ्ठल के हाथ कमर पर होते हैं। पंढरपुर की विठ्ठल की मूर्ति को ध्यान से देखने पर हाथ की अंगुलियाँ ऊपर की ओर होती हैं। यदि इसे वैद्यकीय दृष्टिकोण...
"हार्टअटैक और विठ्ठल" पूरे महाराष्ट्र में "श्रीविठ्ठल" की पूजा होती है। विठ्ठल के हाथ कमर पर होते हैं। पंढरपुर की विठ्ठल की मूर्ति को ध्यान से देखने पर हाथ की अंगुलियाँ ऊपर की ओर होती हैं। यदि इसे वैद्यकीय दृष्टिकोण...
जय श्री राधे कृष्ण ….. "सुनहु देव सचराचर स्वामी, प्रनतपाल उर अंतरजामी, उर कछु प्रथम बासना रही, प्रभु पद प्रीति सरित सो बही ।। भावार्थ:- (विभीषण जी ने कहा) हे देव! हे चराचर जगत के स्वामी ! हे शरणागत के...
सम्बन्धों में हानि लाभ नहीं देखा जाता विनोद हाईवे पर गाड़ी चला रहा था। सड़क के किनारे उसे एक 12-13 साल की लड़की तरबूज बेचती दिखाई दी। विनोद ने गाड़ी रोक कर पूछा "तरबूज की क्या रेट है बेटा? "...
मित्रता दिवस दुनिया के देश दो बार मित्रता दिवस मनाते हैं। भारत समेत बांग्लादेश, मलेशिया, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देश हर साल अगस्त के पहले रविवार को दोस्ती दिवस मनाते हैं। हालांकि अन्य कई देशों में...
जय श्री राधे कृष्ण ….. "सुनु लंकेस सकल गुन तोरें, तातें तुम्ह अतिसय प्रिय मोरें, राम बचन सुनि बानर जूथा, सकल कहहिं जय कृपा बरूथा ।। भावार्थ:- हे लंकापति ! सुनो, तुम्हारे अंदर उपर्युक्त सब गुण हैं। इससे तुम मुझे...
अच्छाई-बुराई एक बार बुरी आत्माओं ने भगवान से शिकायत की कि उनके साथ इतना बुरा व्यवहार क्यों किया जाता है, जबकी अच्छी आत्माएँ इतने शानदार महल में रहती हैं और हम सब खंडहरों में, आखिर ये भेदभाव क्यों है, जबकि...
जय श्री राधे कृष्ण ….. "सगुन उपासक परहित निरत नीति दृढ़ नेम, ते नर प्रान समान मम जिन्ह कें द्विज पद प्रेम ।। भावार्थ:- जो सगुण (साकार) भगवान के उपासक हैं, दूसरे के हित में लगे रहते हैं, नीति और...
देवी तारा की वाणी सुग्रीव की गर्जना सुनकर वाली का युद्ध के लिये निकलना और तारा का उसे रोककर सुग्रीव और श्रीराम के साथ मैत्री कर लेने के लिये समझाना! उस समय अमर्षशील वाली अपने अन्तःपुर में था। उसने अपने...
जय श्री राधे कृष्ण ….. "अस सज्जन मम उर बस कैसें, लोभी हृदयँ बसइ धनु जैसें, तुम्ह सारिखे संत प्रिय मोरें, धरउँ देह नहिं आन निहोरें ।। भावार्थ:- ऐसा सज्जन मेरे हृदय में कैसे बसता है, जैसे लोभी के हृदय...