lalittripathi@rediffmail.com
Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-282

84Views

जय श्री राधे कृष्ण …..

नाथ कृपा करि पूँछेहु जैसें, मानहु कहा क्रोध तजि तैसें, मिला जाइ जब अनुज तुम्हारा, जातहिं राम तिलक तेहि सारा ।।

भावार्थ:– (दूत ने कहा) हे नाथ ! आपने जैसे कृपा कर के पूछा है, वैसे ही क्रोध छोड़ कर मेरा कहना मानिए (मेरी बात पर विश्वास कीजिए) । जब आप का छोटा भाई श्री राम जी से जा कर मिला तब उसके पहुँचते ही श्री राम जी ने उस को राजतिलक कर दिया…..!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

Leave a Reply