जय श्री राधे कृष्ण …..
“*सुनि लछिमन सब निकट बोलाए,दया लागि हँसि तुरत छोड़ाए,रावन कर दीजहु यह पाती, लछिमन बचन बाचु कुलघाती ।।
भावार्थ:– यह सुन कर लक्ष्मण जी ने सब को निकट बुलाया। उन्हें बड़ी दया लगी। इससे हँस कर उन्होंने राक्षसों को तुरंत ही छुड़ा दिया । (और उनसे कहा) रावण के हाथ में यह चिट्ठी देना (और कहना) हे कुल घातक! लक्ष्मण के शब्दों (संदेसे) को बाँचो…….!!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..