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सुविचार-सुन्दरकाण्ड-273

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जय श्री राधे कृष्ण …..

कह सुग्रीव सुनहु सब बानर, अंग भंग करि पठवहु निसिचर, सुनि सुग्रीव बचन कपि धाए, बांधि कटक चहु पास फिराए ।।

भावार्थ:– सुग्रीव ने कहा – सब वानरो ! सुनो, राक्षसों के अंग भंग करके भेज दो । सुग्रीव के वचन सुनकर वानर दौड़े । दूतों को बाँधकर उन्होंने सेना के चारों ओर घुमाया…….!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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