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सुविचार-सुन्दरकाण्ड-269

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जय श्री राधे कृष्ण …..

सुनत बिहसि बोले रघुबीरा, ऐसहिं करब धरहु मन धीरा, अस कहि प्रभु अनुजहि समुझाई, सिंधु समीप गए रघुराई ।।

भावार्थ:– यह सुन कर श्री रघुवीर हँस कर बोले – ऐसे ही करेंगे, मन में धीरज रखो । ऐसा कह कर छोटे भाई को समझा कर प्रभु श्री रघुनाथ जी समुद्र के समीप गये……!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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