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सुविचार-सुन्दरकाण्ड-263

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जय श्री राधे कृष्ण …..

पुनि सर्बग्य सर्ब उर बासी, सर्बरुप सब रहित उदासी, बोले बचन नीति प्रतिपालक, कारन मनुज दनुज कुल घालक ।।

भावार्थ:– फिर सब कुछ जानने वाले, सबके हृदय में बसने वाले, सर्वरुप (सब रूपों में प्रकट), सबसे रहित, उदासीन, कारण से (भक्तों पर कृपा करने के लिए ) मनुष्य बने हुए तथा राक्षसों के कुल का नाश करने वाले श्री राम जी नीति की रक्षा करने वाले वचन बोले….!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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