जीवन का पासवर्ड
जीवन का पासवर्डवह मेरे आफिस के दिन की एक साधारण शुरुआत थी ,जब मैं अपने आफिस के कंप्यूटर के सामने बैठा था। "आपके पासवर्ड का समय समाप्त हो गया है," इन निर्देशों के साथ मेरे कंप्यूटर की स्क्रीन पर एक...
जीवन का पासवर्डवह मेरे आफिस के दिन की एक साधारण शुरुआत थी ,जब मैं अपने आफिस के कंप्यूटर के सामने बैठा था। "आपके पासवर्ड का समय समाप्त हो गया है," इन निर्देशों के साथ मेरे कंप्यूटर की स्क्रीन पर एक...
जय श्री राधे कृष्ण ….. "रावन दूत हमहि सुनि काना, कपिन्ह बाँधि दीन्हें दुख नाना, श्रवन नासिका काटैं लागे, राम सपथ दीन्हें हम त्यागे ।। भावार्थ:- हम रावण के दूत हैं, यह कानों से सुन कर वानरों ने हमें बाँध...
कर्मों का फल तो झेलना पड़ेगा भीष्म पितामह रणभूमिमें शर शैया पर पड़े थे। हल्का-सा भी हिलते तो शरीर में घुसे बाण भारी वेदना के साथ रक्त की पिचकारी-सी छोड़ देते। ऐसी दशा में उनसे मिलने सभी आ जा रहे...
जय श्री राधे कृष्ण ….. "नाथ कृपा करि पूँछेहु जैसें, मानहु कहा क्रोध तजि तैसें, मिला जाइ जब अनुज तुम्हारा, जातहिं राम तिलक तेहि सारा ।। भावार्थ:- (दूत ने कहा) हे नाथ ! आपने जैसे कृपा कर के पूछा है,...
घणी गई थोड़ी रही एक राजा को राज करते काफी समय हो गया था।उसके बाल भी सफ़ेद होने लगे थे।एक दिन उसने अपने दरबार में उत्सव रखा और अपने मित्र देश के राजाओं को भी सादर आमन्त्रित किया व अपने...
जय श्री राधे कृष्ण ….. "की भइ भेंट कि फिरि गए श्रवन सुजसु सुनि मोर, कहसि न रिपु दल तेज बल बहुत चकित चित तोर ।। भावार्थ:- उनसे तेरी भेंट हुई या वे कानों से मेरा सुयश सुन कर ही...
सीख एक बार कि बात है, एक गुरू अपने कुछ शिष्यों के साथ पैदल ही यात्रा पर थे। वे चलते-चलते किसी गांव में पहुंच गए। ये गांव काफी बड़ा था, वहां घूमते हुए उन्हें काफी देर हो गयी थी। गुरू...
जय श्री राधे कृष्ण ….. "जिन्ह के जीवन कर रखवारा, भयउ मृदुल चित सिंधु बिचारा, कहु तपसिन्ह कै बात बहोरी, जिन्ह के हृदयँ त्रास अति मोरी ।। भावार्थ:- और जिनके जीवन का रक्षक कोमल चित्त वाला बेचारा समुद्र बन गया...
नारद जी और हनुमानजी संवाद एक बार नारद मुनि और राम- भक्त हनुमान के बीच एक रोचक संवाद हुआ! यह संवाद मीठा भी था और भक्तिमयी मणियों से सुसज्जित भी था! हुआ यूँ कि नारद जी को एक भोली सी...
जय श्री राधे कृष्ण ….. "करत राज लंका सठ त्यागी, होइहि जव कर कीट अभागी, पुनि कहु भालु कीस कटकाई, कठिन काल प्रेरित चलि आई ।। भावार्थ:- मूर्ख ने राज्य करते हुए लंका को त्याग दिया। अभागा अब जौ का...