सुविचार-सुन्दरकाण्ड-234
जय श्री राधे कृष्ण ….. "*निर्मल मन जन सो पावा, मोहि कपट छल छिद्र न भावा, भेद लेन पठवा दससीसा, तबहुँ न कछु भय हानि कपीसा ।। भावार्थ:- जो मनुष्य निर्मल मन का होता है, वही मुझे पाता है ।...
जय श्री राधे कृष्ण ….. "*निर्मल मन जन सो पावा, मोहि कपट छल छिद्र न भावा, भेद लेन पठवा दससीसा, तबहुँ न कछु भय हानि कपीसा ।। भावार्थ:- जो मनुष्य निर्मल मन का होता है, वही मुझे पाता है ।...
वाराणसी गौरी का रिजर्वेशन जिस बोगी में था, उसमें लगभग सभी लड़के ही थे । टॉयलेट जाने के बहाने गौरी पूरी बोगी घूम आई, मुश्किल से दो या तीन औरतें होंगी । मन अनजाने भय से काँप सा गया ।...
जय श्री राधे कृष्ण ….. "पापवंत कर सहज सुभाऊ, भजनु मोर तेहि भाव न काऊ, जौं पै दुष्ट हृदय सोइ होई, मोरें सनमुख आव कि सोई ।। भावार्थ:- पापी का यह सहज स्वभाव होता है कि मेरा भजन उसे कभी...
एक ट्रेन द्रुत गति से दौड़ रही थी। ट्रेन अंग्रेजों से भरी हुई थी। उसी ट्रेन के एक डिब्बे में अंग्रेजों के साथ एक भारतीय भी बैठा हुआ था।डिब्बा अंग्रेजों से खचाखच भरा हुआ था। वे सभी उस भारतीय का...
जय श्री राधे कृष्ण ….. "कोटि बिप्र बध लागहिं जाहू, आएँ सरन तजउँ नहिं ताहू, सनमुख होइ जीव मोहि जबहीं, जन्म कोटि अघ नासहिं तबहीं ।। भावार्थ:- जिसे करोड़ों ब्राह्मणों की हत्या लगी हो, शरण में आने पर मैं उसे...
"संवेदनशील होना कोई दुर्बलता नही"… जीवन में आप चाहे जितने छले गए हो…. आपकी भावनाओं को चाहे जितना रौंदा गया हो। मगर आप अपने अंदर की करुणा और सच्चाई को अपनी कमजोरी समझ के छोड़ना नहीं। क्योंकि…. संवेदनशील होना कायरता...
जय श्री राधे कृष्ण ….. "सुनि प्रभु बचन हरष हनुमाना, सरनागत बच्छल भगवाना ।। भावार्थ:- प्रभु के वचन सुन कर हनुमान जी हर्षित हुए (और मन ही मन कहने लगे कि) भगवान कैसे शरणागत वत्सल (शरण में आए हुए पर...
घमंडी का सिर नीचा प्राचीन काल की बात है।किसी गांव में चंद्रभूषण नाम का एक विद्धवान पंडित रहता था।उसकी वाणी में गजब का आकर्षण था।वह भागवत कथा सुनाने में निपुण था।उसकी वाणी से कथासार सुनकर लोग मुग्ध हो जाते थे।इसीलिए...
जय श्री राधे कृष्ण ….. "भेद हमार लेन सठ आवा, राखिअ बाँधि मोहि अस भावा, सखा नीति तुम्ह नीकि बिचारी, मम पन सरनागत भयहारी ।। भावार्थ:- (जान पड़ता है) यह मूर्ख हमारा भेद लेने आया है । इसलिए मुझे तो...
न माया मिली न राम किसी गाँव में दो दोस्त रहते थे। एक का नाम हीरा था और दूसरे का मोती। दोनों में गहरी दोस्ती थी और वे बचपन से ही खेलना-कूदना, पढना- लिखना हर काम साथ करते आ रहे...