lalittripathi@rediffmail.com

Month Archives: July 2024

Stories

गोपी के गोपाल

गोपी के गोपाल एक छोटा सा पांच साल का बालक था गोपी। वह अपनी मां के साथ रहता था। उसकी मां मेहनत मजदूरी का काम करती थी । गोपी इसी साल से जंगल के रास्ते से  पाठशाला में पढ़ने जाता...

Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-249

जय श्री राधे कृष्ण ….. "ममता तरुन तमी अँधिआरी, राग द्वेष उलूक सुखकारी, तब लगि बसति जीव मन माहीं, जब लगि प्रभु प्रताप रबि नाहीं ।। भावार्थ:- ममता पूर्ण अंधेरी रात है, जो राग -द्वेष रूपी उल्लुओं को सुख देने...

Stories

प्रार्थना की शक्ति

प्रार्थना की शक्ति एक व्यक्ति गाड़ी से उतरा… और बड़ी तेज़ी से एयरपोर्ट में घुसा, जहाज़ उड़ने के लिए तैयार था, उसे किसी कार्यकर्म मे पहुंचना था जो खास उसी के लिए आयोजित की जा रही था… वह अपनी सीट...

Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-248

जय श्री राधे कृष्ण ….. "तब लगि हृदयँ बसत खल नाना, लोभ मोह मच्छर मद माना, जब लगि उर न बसत रघुनाथा, धरें चाप सायक कटि भाथा ।। भावार्थ:- लोभ, मोह, मत्सर (डाह), मद और मान आदि अनेकों दुष्ट तभी...

Stories

मम्मी पापा की गलतियों का खामियाजा बच्चे भरते है

मम्मी पापा की गलतियों का खामियाजा बच्चे भरते है सुबह के साढ़े सात बजे जब निधि स्कूल के लिए ‌तैयार हुई तो‌ चुपके से ऊपर मम्मी के बेडरूम में ‌ग‌ई। धीरे से डोर सरकाया तो देखा कि सारा सामान बिखरा...

Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-247

जय श्री राधे कृष्ण ….. "तब लगि कुसल न जीव कहुँ सपनेहुँ मन बिश्राम, जब लगि भजत न राम कहुँ सोक धाम तजि काम ।। भावार्थ:- तब तक जीव की कुशल नहीं और ना स्वप्न में भी उस के मन...

Stories

वृन्दावन के चींटें

वृन्दावन के चींटें एक सच्ची घटना सुनिए एक संत की….वे एक बार वृन्दावन गए वहाँ कुछ दिन घूमे फिरे दर्शन किए,जब वापस लौटने का मन किया तो सोचा भगवान् को भोग लगा कर कुछ प्रसाद लेता चलूँ.. संत ने रामदाने...

Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-246

जय श्री राधे कृष्ण ….. "बरु भल बास नरक कर ताता, दुष्ट संग जनि देइ बिधाता, अब पद देखि कुसल रघुराया, जौं तुम्ह कीन्हि जानि जन दाया *।। भावार्थ:- हे तात! नरक में रहना वरन् अच्छा है, परंतु विधाता दुष्ट...

Stories

दो वादे…..

दो वादे..... ट्रेन अपनी गति से उसके गाँव की ओर बढ़ी चली जा रही थी। रंजना पूरे तेरह साल बाद  गाँव जा रही थी। उसके पिताजी अपने अंतिम साँसें ले रहे थे। उसने अपनी आँखें बंद करके सर को बर्थ...

Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-245

जय श्री राधे कृष्ण ….. "*खल मंडली बसहु दिन राती, सखा धरम निबहइ केहि भाँती, मै जानउँ तुम्हारि सब रीती, अति नय निपुन न भाव अनीती ।। भावार्थ:- दिन-रात दुष्टों की मंडली में बसते हो । (ऐसी दशा में) हे...

1 2 3 7
Page 2 of 7