जय श्री राधे कृष्ण …..
“तजि मद मोह कपट छल नाना, करउँ सद्य तेहि साधु समाना, जननी जनक बंधु सुत दारा, तनु धनु भवन सुहृद परिवारा ।।
भावार्थ:– और मद, मोह तथा नाना प्रकार के छल कपट त्याग दे तो मैं उसे बहुत शीघ्र साधु के समान कर देता हूँ । माता, पिता, भाई, पुत्र, स्त्री, शरीर, धन, घर, मित्र और परिवार….!!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..
