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Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-252

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जय श्री राधे कृष्ण …..

तजि मद मोह कपट छल नाना, करउँ सद्य तेहि साधु समाना, जननी जनक बंधु सुत दारा, तनु धनु भवन सुहृद परिवारा ।।

भावार्थ:– और मद, मोह तथा नाना प्रकार के छल कपट त्याग दे तो मैं उसे बहुत शीघ्र साधु के समान कर देता हूँ । माता, पिता, भाई, पुत्र, स्त्री, शरीर, धन, घर, मित्र और परिवार….!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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