lalittripathi@rediffmail.com
Quotes

सुविचार

81Views

जय श्री राधे कृष्ण …..

अब मैं कुसल मिटे भय भारे, देखि राम पद कमल तुम्हारे, तुम्ह कृपाल जा पर अनुकूला, ताहि न ब्याप त्रिबिध भव सूल ।।

भावार्थ:– हे श्री राम जी! आपके चरण विंद के दर्शन कर अब मैं कुशल से हूंँ, मेरे भारी भय मिट गये । हे कृपालु ! आप जिस पर अनुकूल होते हैं , उसे तीनों प्रकार के भव शूल (आध्यात्मिक, आधि दैविक और आधि भौतिक ताप) नहीं व्यापत……!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

Leave a Reply