lalittripathi@rediffmail.com
Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-244

67Views

जय श्री राधे कृष्ण …..

अनुज सहित मिलि ढिग बैठारी, बोले बचन भगत भयहारी, कहु लंकेस सहित परिवारा, कुसल कुठाहर बास तुम्हारा ।।

भावार्थ:– छोटे भाई लक्ष्मण जी सहित गले मिल कर उन को अपने पास बैठा कर श्री राम जी भक्तों के भय को हरने वाले वचन बोले – हे लंकेश! परिवार सहित अपनी कुशल कहो । तुम्हारा निवास बुरी जगह पर है…….!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

Leave a Reply