“संवेदनशील होना कोई दुर्बलता नही”…
जीवन में आप चाहे जितने छले गए हो…. आपकी भावनाओं को चाहे जितना रौंदा गया हो। मगर आप अपने अंदर की करुणा और सच्चाई को अपनी कमजोरी समझ के छोड़ना नहीं। क्योंकि….
संवेदनशील होना कायरता नहीं बल्कि ताकत है। यह हमारी इंसानियत का प्रतीक है, जो हमें दूसरों की भावनाओं और स्थितियों को समझने और उनसे सहानुभूति रखने की क्षमता देती है। संवेदनशील लोग उन छोटी छोटी बातों को महसूस कर सकते हैं जो आमतौर पर नजरअंदाज कर दी जाती हैं। वे दूसरों की पीड़ा और खुशी को अपने दिल से महसूस करते हैं. और यह गुण उन्हें एक बेहतर इंसान बनाता है। भले ही आपको ना समझा गया हो मगर आप किसी के दर्द को महसूस करने की क्षमता रखते है.. यही आपकी सच्ची ताकत है।
कुछ पंक्तियां…अफसोस इस बात का नही कि मेरी भावनाएं आहत होती रही…. बल्कि खुशी इस बात की है कि इन सब के बावजूद मैं आज भी वही हूं…!!
नूपुर कश्यप शर्मा द्वारा लिखित…
जय श्रीराम