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Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-224

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जय श्री राधे कृष्ण …..

जे पद जनकसुताँ उर लाए, कपट कुरंग संग धर धाए, हर उर सर सरोज पद जेई, अहोभाग्य मैं देखिहऊँ तेई ।।

भावार्थ:– जिन चरणों को जानकी जी ने हृदय में धारण कर रखा है, जो कपट मृग के साथ पृथ्वी पर (उसे पकड़ने को) दौड़े थे और जो चरण कमल साक्षात् शिव जी के हृदय रुपी सरोवर में विराजते हैं, मेरा अहोभाग्य है कि उन्हीं को आज मैं देखूँगा…..!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

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Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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