lalittripathi@rediffmail.com
Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-221

57Views

जय श्री राधे कृष्ण …..

अस कहि चला बिभीषनु जबहीं, आयू हीन भए सब तबहीं, साधु अवग्या तुरत भवानी, कर कल्यान अखिल कै हानी ।।

भावार्थ:– ऐसा कह कर विभीषण जी ज्यों ही चले, त्यों ही सब राक्षस आयु हीन हो गये (उनकी मृत्यु निश्चित हो गई) । (शिवजी कहते हैं कि) हे भवानी, साधु का अपमान तुरंत ही संपूर्ण कल्याण की हानि (नाश) कर देता है…….!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

Leave a Reply