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सुविचार-सुन्दरकाण्ड-182

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जय श्री राधे कृष्ण …….

प्रभु पद पंकज नावहिं सीसा, गर्जहिं भालु महाबल कीसा, देखी राम सकल कपि सेना, चितइ कृपा करि राजिव नयना ।।

भावार्थ:– वे प्रभु के चरण कमलों में सिर नवाते हैं । महान बलवान रीछ और वानर गरज रहे हैं । श्री राम जी ने वानरों की सारी सेना देखी । तब कमल नेत्रों से कृपा पूर्वक उन की ओर दृष्टि डाली……..!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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