जय श्री राधे कृष्ण …….
“अब बिलंबु केहि कारन कीजे, तुरत कपिन्ह कहुँ आयसु दीजे, कौतुक देखि सुमन बहु बरषी, नभ तें भवन चले सुर हरषी ।।
भावार्थ:– अब विलंब किस कारण किया जाए ? वानरों को तुरंत आज्ञा दो । (भगवान की) यह लीला (रावण वध की तैयारी) देख कर, बहुत से फूल बरसा कर और हर्षित हो कर देवता आकाश से अपने अपने लोक को चले.. …!!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..
