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सुविचार-सुन्दरकाण्ड-179

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जय श्री राधे कृष्ण …….

सुनि प्रभु बचन कहहिं कपि बृंदा, जय जय जय कृपाल सुखकंदा, तब रघुपति कपिपतिहि बोलावा, कहा चलैं कर करहु बनावा ।।

भावार्थ:- प्रभु के वचन सुन वानर गण कहने लगे – कृपालु आनन्दकन्द श्री राम जी की जय हो, जय हो , जय हो । तब श्री रघुनाथ जी ने कपिराज सुग्रीव को बुलाया और कहा – चलने की तैयारी करो….!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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