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Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-174

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जय श्री राधे कृष्ण …….

कहु कपि रावन पालित लंका, केहि बिधि दहेउ दुर्ग अति बंका, प्रभु प्रसन्न जाना हनुमाना,बोला बचन बिगत अभिमाना ।।

भावार्थ:- हे हनुमान ! बताओ तो, रावण के द्वारा सुरक्षित लंका और उस के बड़े बाँके किले को तुमने किस तरह जलाया ? हनुमान जी ने प्रभु को प्रसन्न जाना और वे अभिमान रहित वचन बोले….!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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