lalittripathi@rediffmail.com
Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-169

75Views

जय श्री राधे कृष्ण …….

सुनु कपि तोहि समान उपकारी, नहिं कोउ सुर नर मुनि तनुधारी, प्रति उपकार करौं का तोरा, सनमुख होइ न सकत मन मोरा ।।

भावार्थ:- (भगवान कहने लगे) हे हनुमान! सुन तेरे समान मेरा उपकारी देवता, मनुष्य अथवा मुनि कोई भी शरीर धारी नहीं है । मैं तेरा प्रत्युपकार (बदले में उपकार) तो क्या करूँ, मेरा मन भी तेरे सामने नहीं हो सकता……!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

Leave a Reply