जय श्री राधे कृष्ण …….
“कह हनुमंत बिपति प्रभु सोई, जब तव सुमिरन भजन न होई, केतिक बात प्रभु जातुधान की, रिपुहि जिति आनिबी जानकी ।।
भावार्थ:– हनुमान जी ने कहा- हे प्रभु! विपत्ति तो वही (तभी) है जब आप का भजन – स्मरण न हो । हे प्रभो! राक्षसों की बात ही कितनी है ? आप शत्रु को जीत कर जानकी को ले आवेंगे…….!!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..