lalittripathi@rediffmail.com
Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-168

81Views

जय श्री राधे कृष्ण …….

कह हनुमंत बिपति प्रभु सोई, जब तव सुमिरन भजन न होई, केतिक बात प्रभु जातुधान की, रिपुहि जिति आनिबी जानकी ।।

भावार्थ:– हनुमान जी ने कहा- हे प्रभु! विपत्ति तो वही (तभी) है जब आप का भजन – स्मरण न हो । हे प्रभो! राक्षसों की बात ही कितनी है ? आप शत्रु को जीत कर जानकी को ले आवेंगे…….!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

Leave a Reply