सुविचार-सुन्दरकाण्ड-133
जय श्री राधे कृष्ण ……. "पूंछहीन बानर तह जाइहि, तब सठ निज नाथहि लइ आइहि, जिन्ह कै कीन्हिसि बहुत बडा़ई, देखउं मै तिन्ह कै प्रभुताई ।। भावार्थ:- जब बिना पूंछ का यह बन्दर वहाँ (अपने स्वामी के पास) जायगा तब...
जय श्री राधे कृष्ण ……. "पूंछहीन बानर तह जाइहि, तब सठ निज नाथहि लइ आइहि, जिन्ह कै कीन्हिसि बहुत बडा़ई, देखउं मै तिन्ह कै प्रभुताई ।। भावार्थ:- जब बिना पूंछ का यह बन्दर वहाँ (अपने स्वामी के पास) जायगा तब...