सुविचार-सुन्दरकाण्ड-148
जय श्री राधे कृष्ण ……. "चलत महाधुनि गर्जेसि भारी, गर्भ स्रवहिं सुनि निसिचर नारी, नाघि सिंन्धु एहि पारहि आवा, सबद किलकिला कपिन्ह सुनावा ।। भावार्थ:- चलते समय उन्होंने महाध्वनि से भारी गर्जना किया, जिसे सुन कर राक्षसों की स्त्रियों के...