जय श्री राधे कृष्ण …….
“नाम पाहरू दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट, लोचन निज पद जंत्रित जाहिं प्रान केहिं बाट ।।
भावार्थ:- (हनुमान जी ने कहा), आप का नाम रात-दिन पहरा देने वाला है, आप का ध्यान ही किंवाड़ है । नेत्रों को अपने चरणों में लगाये रहती हैं, यही ताला लगा है, फिर प्राण जाँय तो किस मार्ग से?…….!!
दीन दयाल बिरिदु संभारी ।
हरहु नाथ मम संकट भारी ।।
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..