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Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-158

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जय श्री राधे कृष्ण …….

सोइ बिजई बिनई गुन सागर, तासु सुजसु त्रैलोक उजागर, प्रभु कीं कृपा भयउ सबु काजू, जन्म हमार सुफल भा आजू ।।

भावार्थ:- वही विजयी है, वही विनयी है और वही गुणों का समुद्र बन जाता है । उसी का सुंदर यश तीनों लोकों में प्रकाशित होता है । प्रभु की कृपा से सब कार्य हुआ । आज हमारा जन्म सफल हो गया….!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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