जय श्री राधे कृष्ण …….
“सोइ बिजई बिनई गुन सागर, तासु सुजसु त्रैलोक उजागर, प्रभु कीं कृपा भयउ सबु काजू, जन्म हमार सुफल भा आजू ।।
भावार्थ:- वही विजयी है, वही विनयी है और वही गुणों का समुद्र बन जाता है । उसी का सुंदर यश तीनों लोकों में प्रकाशित होता है । प्रभु की कृपा से सब कार्य हुआ । आज हमारा जन्म सफल हो गया….!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..