जय श्री राधे कृष्ण …….
“आइ सबन्हि नावा पद सीसा, मिलेउ सबन्हि अति प्रेम कपीसा, पूँछी कुसल कुसल पद देखी, राम कृपाँ भा काजु बिसेषी ।।
भावार्थ:- सबने आ कर सुग्रीव के चरणों में सिर नवाया । कपिराज सुग्रीव सभी से बडे़ प्रेम के साथ मिले । उन्होंने कुशल पूछी । तब वानरों ने उत्तर दिया, आप के चरणों के दर्शन से सब कुशल है । श्री राम जी की कृपा से विशेष कार्य हुआ (कार्य में विशेष सफलता हुई है)….. ।
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..
