जय श्री राधे कृष्ण …….
“मिले सकल अति भए सुखारी, तलफत मीन पाव जिमि बारी, चले हरषि रघुनायक पासा, पूँछत कहत नवल इतिहासा ।।
भावार्थ:- सब हनुमान जी से मिले और बहुत ही सुखी हुए, जैसे तड़पती हुई मछली को जल मिल गया हो । सब हर्षित हो कर नये नये इतिहास (वृतांत) पूछते कहते हुए श्री रघुनाथ जी के पास चले …… ।
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..