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Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-150

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जय श्री राधे कृष्ण …….

मिले सकल अति भए सुखारी, तलफत मीन पाव जिमि बारी, चले हरषि रघुनायक पासा, पूँछत कहत नवल इतिहासा ।।

भावार्थ:- सब हनुमान जी से मिले और बहुत ही सुखी हुए, जैसे तड़पती हुई मछली को जल मिल गया हो । सब हर्षित हो कर नये नये इतिहास (वृतांत) पूछते कहते हुए श्री रघुनाथ जी के पास चले …… ।

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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