जय श्री राधे कृष्ण …….
“हरसे सब बिलोकि हनुमाना, नूतन जन्म कपिन्ह तब जाना, मुख प्रसन्न तन तेज बिराजा, कीन्हेसि रामचंद्र कर काजा ।।
भावार्थ:- हनुमान जी को देख कर सब हर्षित हो गए और तब वानरों ने अपना नया जन्म समझा । हनुमान जी का मुख प्रसन्न है और शरीर में तेज विराजमान है, (जिससे उन्होंने समझ लिया कि) ये श्री राम चंद्र जी का कार्य कर आए हैं …… ।
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..
