lalittripathi@rediffmail.com
Stories

समस्या

208Views

समस्या

एक राजा ने बहुत ही सुंदर ”महल” बनावाया और महल के मुख्य द्वार पर एक ”गणित का सूत्र” लिखवाया… और एक घोषणा की कि, इस सूत्र से यह ‘द्वार खुल जाएगा, और जो भी इस ”सूत्र” को ”हल” कर के ”द्वार” खोलेगा, मैं उसे अपना उत्तराधीकारी घोषित कर दूंगा। राज्य के बड़े बड़े गणितज्ञ आये, और ‘सूत्र देखकर लौट गए, किसी को कुछ समझ नहीं आया। आख़री दिन आ चुका था। उस दिन 3 लोग आये, और कहने लगे, हम इस सूत्र को हल कर देंगे ?….उसमें 2 तो दूसरे राज्य के बड़े गणितज्ञ अपने साथ बहुत से पुराने गणित के सूत्रों की पुस्तकों सहित आये थे। लेकिन एक व्यक्ति जो ”साधक” की तरह नजर आ रहा था, सीधा साधा कुछ भी साथ नहीं लाया था। उसने कहा, मैं यहां बैठा हूँ। पहले इन्हें मौक़ा दिया जाए।

दोनों गहराई से सूत्र हल करने में लग गए। लेकिन द्वार नहीं खोल पाये और अपनी हार मान ली। अंत में उस साधक को बुलाया गया। और कहा कि, आप सूत्र हल करिये समय शुरू हो चुका है। साधक ने आँख खोली और सहज मुस्कान के साथ ‘द्वार’ की ओर गया। साधक ने धीरे से द्वार को धकेला, और यह क्या ? द्वार खुल गया।

राजा ने साधक से पूछा… आप ने ऐसा क्या किया ?…..साधक ने बताया जब में ‘ध्यान’ में बैठा, तो सबसे पहले अंतर्मन से आवाज आई, कि पहले ये जाँच तो कर ले कि, सूत्र है भी या नहीं। इसके बाद इसे हल ”करने की सोचना” और मैंने वही किया।

शिक्षा:-मित्रों, कई बार जिंदगी में कोई ”समस्या” होती ही नहीं और हम ”विचारों” में उसे बड़ा बना लेते हैं। हर समस्या का उचित इलाज आपकी ”आत्मा” की आवाज है।

जय श्रीराम

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

Leave a Reply