जय श्री राधे कृष्ण …….
“ता कर दूत अनल जेहिं सिरजा, जरा न सो तेहि कारन गिरिजा, उलटि पलटि लंका सब जारी, कूदि परा पुनि सिंधु मझारी ।।
भावार्थ:- (शिव जी कहते हैं) हे पार्वती! जिन्होंने अग्नि को बनाया, हनुमान जी उन्हीं के दूत हैं । इसी कारण वे अग्नि से नहीं जले । हनुमान जी ने उलट – पलट कर (एक ओर से दूसरी ओर तक) सारी लंका जला दी । फिर वे समुद्र में कूद पड़े…… ।।
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..
