जय श्री राधे कृष्ण …….
“तात मातु हि सुनिअ पुकारा, एहिं अवसर को हमहि उबारा, हम जो कहा यह कपि नहिं होई, बानर रूप धरें सुर कोई ।।
भावार्थ:- हाय बप्पा! हाय मैया! इस अवसर पर हमें कौन बचाएगा ? (चारों ओर) यही पुकार सुनायी पड़ रही है । हमने तो पहले ही कहा था कि यह वानर नहीं है, वानर का रुप धरे कोई देवता है…… ।।
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..
