जय श्री राधे कृष्ण …….
“देह बिसाल परम हरुआई, मंदिर तें मंन्दिर चढ़ धाई, जरइ नगर भा लोग बिहाला, झपट लपट बहु कोटि कराला ।।
भावार्थ:- देह बड़ी विशाल, परन्तु बहुत ही हल्की (फुर्तीली) है । वे दौड़ कर एक महल से दूसरे महल पर चढ़ जाते हैं । नगर जल रहा है, लोग बेहाल हो गये हैं । आग की करोड़ों भयंकर लपटें झपट रहीं हैं…….. ।।
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..
